योग में ऐसे कई आसन हैं जिसको करने से आपकी कब्ज की समस्या जड़ से समाप्त हो सकती है और पेट की चर्बी पिघलकर पेट नरम हो सकता है| उन्हीं उत्तम आसनों में से यह Udarakarshan Aasan (उदराकर्षण आसन) है| इसके नियमित अभ्यास से आपकी कब्ज और तोंद की समस्या समाप्त हो सकती है|
उदराकर्षण आसन करने की विधि
- प्रथम दोनों पंजों के बल बैठ जाएँ, जैसे नित्यकर्म के लिए बैठते हैं|
- दाहिने घुटने को भूमि पर टिकाएं और बाएं घुटने को ऊपर छाती के पास रखें|
- गहरी श्वांस लें|
- ध्यान रहे दाहिने घुटने को जमीन पर टिकाते समय पंजा तो भूमि पर हो और एड़ी हवा में ऊपर रहे|
- इसी स्थिति में पूरा शरीर गर्दन सहित बायीं ओर घुमाएं|
- इस स्थिति में दायाँ घुटना बाएं पंजे को स्पर्श करेगा|
- अब दाहिने पैर की ओर देखें|
- 1-2 मिनट इस स्थिति में रहें फिर वापस हो जाएं|
- लौटते समय श्वांस पूर्णतः बाहर होना चाहिए|
- पुनः दूसरे तरफ से करें|
- इस आसन को लेट कर भी कर सकते हैं|
उदराकर्षण आसन के लाभ
- कब्जियत को मिटाता है|
- तोंद को कम करता है|
- निरंतर अभ्यास से पैरों का दर्द दूर होता है|
- पंजे शक्तिशाली बनते हैं|
- कमरदर्द व जोड़ों में किसी प्रकार की खराबी हो तो उसमें लाभकारी है|
सावधानियां
- कोई विशेष सावधानी की जरूरत नहीं है|
अनुगृहित (Obliged) –
मेरे पिता श्री शशीन्द्र शाश्वत के द्वारा अर्जित जानकारी से यह पोस्ट लाभान्वित है| मैं कोटि-कोटि धन्यवाद् देता हूँ कि पिताजी ने माताजी की मदद से उदराकर्षण आसन को वर्णित किया|
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