Dhanur Akarshan Aasan (धनुर आकर्षण आसन) में शरीर खिंचे हुए धनुष के समान हो जाता है| यह बहुत ही सरल आसन है|
धनुर आकर्षण आसन करने की विधि
- सीधे बैठ कर दोनों पैर सामने फैलाएं|
- फिर दाहिना पैर मोड़कर बाएं पैर के जांघ पर रखें|
- अब बाएं हाथ से मुड़े हुए पैर के अंगूठे को पकड़कर कान तक उठाएं|
- दायें हाथ से मुड़े पैर के ऊपर से लाकर फैले हुए पैर के अंगूठे को पकड़ें|
- पैर सीधा तना रहे|
- पीठ और गर्दन यथासम्भव झुकने ना पाए|
- इसी तरह से दूसरी तरफ से करें|
- अधिकतम 2-5 बार करें|
धनुर आकर्षण आसन के लाभ
- कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों को लाभ|
- वात रोग, गठिया वालों को लाभ|
- लकवा में फायदेमन्द|
- निम्न उदर प्रदेश के अंगों को शक्ति प्रदान करता है|
- मेरुदण्ड का व्यायाम करता है|
- ऊपरी भुजाओं तथा टखनों को शक्ति प्रदान करता है|
- हाइड्रोसील का उपचारात्मक आसन है|
सावधानियां
- कोई विशेष नहीं|
- जिससे जितना हो सके आराम से करें|
अनुगृहित (Obliged) –
मेरे पिता श्री शशीन्द्र शाश्वत के द्वारा अर्जित जानकारी से यह पोस्ट लाभान्वित है| मैं कोटि-कोटि धन्यवाद् देता हूँ कि पिताजी ने माताजी की मदद से धनुर आकर्षण आसन को प्रदर्शित किया|
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