सिर के द्वारा पैर के अंगूठे को टच करने की प्रक्रिया को Shirsh Angustha Paad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन) कहते हैं| शीर्ष का अर्थ सिर, अंगुष्ठ पाद का अर्थ पैर का अँगूठा।

Shirsh Angustha Paad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन)
शीर्ष अंगुष्ठपाद आसन

Shirsh Angustha Paad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन) करने की विधि

  • सबसे पहले ताड़ासन में खड़े हो जाएँ|
  • फिर बाएं पैर को दाहिने पैर से 2-3 फीट आगे कर लें|
  • हाथों को पीछे ले जाकर बांध लें|
  • ऊपरी धड़ को बायीं ओर मोड़िए और शरीर को कमर से नीचे की ओर झुकाएं|
  • हाथों को ऊपर की ओर जाने दीजिये|
  • नाक को पैर के अंगूठे से स्पर्श करने का प्रयास कीजिये|
  • इस अवस्था में दाहिना पैर सीधा रहेगा और बायां घुटना थोड़ा मुड़ेगा|
  • जब खड़े हो तो श्वांस अन्दर लीजिये|
  • अब झुकते समय श्वांस छोड़ें|
  • सामर्थ्यानुसार रुक कर श्वांस लेते हुए पूर्व स्थिति में आ जाएँ|
  • यह क्रिया शरीर के दोनों ओर से 3-5 बार दोहराएँ|
Shirsh Angustha Paad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन)
Shirsh Angusthpaad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठपाद आसन)

Shirsh Angustha Paad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन) के लाभ

  • पैर की मांसपेशियाँ व मेरुदण्ड सशक्त बनाता है|
  • वायु विकास और कब्ज के लिए लाभकारी|
  • सम्पूर्ण नाड़ी संस्थान को उत्तेजित करके अधिक क्रियाशील बनाता है|
  • उदारदोष और कोष्ठबद्धता को दूर करता है|
Shirsh Angustha Paad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन)
Shirsh Angustha Paad Aasan

सावधानियां

  • स्लिपडिस्क या पीठ की अन्य समस्या हो तो न करें|
  • सायटिका वाले न करें|
  • हृदय या ब्लड प्रेशर वाले न करें|
  • आसन अवस्था में श्वांस रोके रखें, श्वांस-प्रश्वांस न करें|
Shirsh Angustha Paad Aasan (शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन)
शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन

अनुगृहित (Obliged) –

मेरे पिता श्री शशीन्द्र शाश्वत के द्वारा अर्जित जानकारी से यह पोस्ट लाभान्वित है| मैं कोटि-कोटि धन्यवाद् देता हूँ कि पिताजी ने माताजी की मदद से शीर्ष अंगुष्ठ पाद आसन को वर्णित किया|