शशक का अर्थ होता है ‘खरगोश’ (Rabbit)| इस आसन में खरगोश की आकृति जैसी शरीर की स्थिति बन जाती है इसलिए इसे Shashank Aasan (शशांक आसन) कहा जाता है|
शशांक आसन करने की विधि
- सर्वप्रथम घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएँ (वज्रासन की स्थिति)|
- हाथों को घुटनों पर रखें|
- शरीर का सारा भार एड़ियों पर रखें|
- अब श्वांस लेते हुए दोनों हाथ को इस प्रकार ऊपर उठाइए कि भुजाएं कानों से सट जाये|
- श्वांस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें|
- इतना झुकें कि हाथ और सिर भूमि को स्पर्श करे|
- श्वांस को बाहर ही रोककर इस स्थिति में बने रहें|
- नितम्भ एड़ियों पर ही रहे|
- इस अवस्था में रहते हुए शरीर के पिछले भाग को आगे की ओर खीचें|
- अब दुबारा श्वांस लेते हुए हाथ और सिर को धीरे-धीरे ऊपर उठायें|
- श्वांस छोड़ते हुए हाथ घुटने पर रख लीजिये|
- 1-3 बार करें|
शशांक आसन के लाभ
- पीठ की रक्तसंचार प्रणाली को ठीक करता है|
- अतः पीठ दर्द में राहत मिलता है|
- इसके अभ्यास से कब्ज से मुक्ति मिलती है|
- नियमित अभ्यास से तनाव व चिन्ता से राहत मिलती है|
- लीवर और गुर्दे की सक्रियता को बढ़ाता है|
- उदार भाग को मजबूत करता है|
- मस्तिष्क और आँखों के लिए लाभकारी है|
- याद्दाश्त बढ़ाने में सहायक|
- फेफड़े की मजबूती के लिए उत्तम अभ्यास है|
- महिलाओं के वास्ति प्रदेश (पेट का निचला भाग) को कम करता है|
- गर्भ गिरने और स्थान से हट जाने सम्बन्धी रोगों में लाभदायक|
- जननेन्द्रियों के ठीक विकसित न होने पर उसको लाभ पहुंचाता है|
- पीनियल और पीयूष ग्लैंड को महबूत करता है|
सावधानियां
- अत्यधिक पीठ दर्द में न करें|
- स्लिप-डिस्क में न करें|
- पेट और सिर की समस्या हो तो न करें|
- चक्कर आता हो तो वर्जित है|
- उच्च रक्तचाप में न करें|
- गठिया के रोगी भी इसे करने से बचें|
अनुगृहित (Obliged) –
मेरे पिता श्री शशीन्द्र शाश्वत के द्वारा अर्जित जानकारी से यह पोस्ट लाभान्वित है| मैं कोटि-कोटि धन्यवाद् देता हूँ कि पिताजी ने माताजी की मदद से शशांक आसन को प्रदर्शित किया|
कमर दर्द के लिए उपयोगी है धन्यवाद सर् ।।
Useful