आधुनिक मातृ दिवस का ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किया गया था। 8 मई, 1914 को राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को एक संयुक्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया, जिसे मदर्स डे के रूप में मनाया गया। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं।
Mother’s Day is a festival respecting the mother of the family, just as parenthood, maternal bonds, and the impact of moms in the public arena. It is praised on different days in numerous pieces of the world, most generally in the long stretches of March or May.
वैसे तो मां के लिए कोई एक निश्चित दिन नहीं होता है, लेकिन उनकी व्यस्त दिनचर्या के कारण इस दिन को मां के लिए समर्पित किया गया है। मां के दिए संस्कारों से ही बच्चों का भविष्य बनता है और वो अपने जीवन में कुछ अच्छा करते हैं। यह पोस्ट मेरी माताओं को समर्पित है जो मुझसे दूर होते हुए भी मेरे करीब हैं|
महत्व
मातृ दिवस माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है| माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, एक मां बिना ये दुनियां अधूरी है।
मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करना है।
भारतवर्ष में मातृ दिवस की महत्ता
भारत में मातृ दिवस की खास परम्परा हैं। भारत में पृथ्वी को भी मां की संज्ञा दी जाती है व भारत में माता की भगवान स्वरूप में भी पूजा की जाती है इसलिए भारत में मातृ दिवस भी खास महत्व रखता है। यहाँ Mother’s Day (मातृ दिवस) मई माह के द्वितीय रविवार को मनाया जाता है|
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