Bakasan / Kakasan (बकासन / काकासन) के अभ्यास में थोड़ा वक्त लगता है, लेकिन अभ्यस्त हो जाने पर यह आसन और मजेदार हो जाता है| Bakasan / Kakasan (बकासन / काकासन) दोनों पक्षियों के बैठने की मुद्रा से लिया गया है|
- Bakasan (बकासन) – The Crane Pose
- Kakasan (काकासन) – The Crow Pose
प्राचीन काल से ही बगुले को खुशहाली और युवावस्था का प्रतीक माना जाता है| चीन ने बगुले को लम्बी उम्र का प्रतीक माना जाता है| यह हठयोग आसन है| इसे एक बार में आधा से एक मिनट तक ही करना चाहिए|
बकासन / काकासन करने की विधि
- पैरों को दूर-दूर रखकर उकडू बैठ जाएँ|
- हथेलियों को पैरों के सामने भूमि पर टिकाएं|
- पंजा सामने की ओर रखें|
- कुहनियों को थोड़ा झुकाकर घुटनों के भीतर की ओर रखें|
- धीरे-धीरे सामने की ओर झुकिए और पैरों को जमीन से ऊपर उठाने का प्रयास करिए|
- घुटने को ऊपरी भुजाओं पर रखते हुए, पूरा शरीर हाथों पर संतुलित करिए|
- सिर और मुख सामने की ओर होना चाहिए|
- उठी हुई अवस्था में श्वांस अन्दर रोकें|
- 1-5 बार तक क्षमतानुसार कर सकते हैं|
- एकाग्रता, संतुलन बनाए रखने में|
बकासन / काकासन के लाभ
- कलाइयों और हाथों को मजबूत बनाता है|
- रीढ़ मजबूत होती है|
- अपर बैक को स्ट्रेच मिलता है|
- शरीर का संतुलन और एकाग्रता सुधारता है|
- पेट की मांसपेशियां सुदृढ़ बनती हैं|
- पाचन में सुधार होता है|
- जांघ मजबूत होती है|
- नाड़ी संस्थान में स्थिरता लाता है|
- मानसिक तनाव व चिन्ता का निवारण करता है|
- चेहरे पर चमक लाता है|
- पैरों और नितम्ब की मांसपेशियां सुदृढ़ बनते हैं|
- शरीर में जमा चर्बी कम होती है|
- पेट के रोगों के लिए बेहद लाभकारी|
सावधानियां
- हाई बी.पी. में ना करें|
- हृदय रोगी ना करें|
- कन्धे में दर्द होने पर आसन करना बंद कर दें|
- आसन करने में जल्दबाजी ना करें|
एक पाद बकासन
यह अपेक्षाकृत थोड़ा कठिन है, अतः प्रगति कर चुके अभ्यासी को ही इसका अभ्यास करना चाहिए|
एक पाद बकासन करने की विधि
- बकासन की अन्तिम अवस्था में आएं|
- एक पैर को पीछे की ओर सीधा करिए|
- श्वांस रोककर क्षमतानुसार इस स्थिति में रुकिए|
- शेष विवरण उपरोक्त बकासन / काकासन में वर्णित है|
अनुगृहित (Obliged) –
मेरे पिता श्री शशीन्द्र शाश्वत के द्वारा अर्जित जानकारी से यह पोस्ट लाभान्वित है| मैं कोटि-कोटि धन्यवाद् देता हूँ कि पिताजी ने बकासन को को वर्णित किया|
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