शरीर को गाय के मुख (Cow Face) के समान बना लेने के कारण इस आसन को गोमुख आसन कहते हैं| इस आसन में पांव की स्थिति बहुत हद तक गोमुख जैसी होती है| यह महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक है|

Gomukh Aasan (गोमुख आसन) करने की विधि

Gomukh Aasan
Gomukh Aasan
  • सबसे पहले दोनों पैरों को आगे की तरफ फैला कर बैठ जाएँ और हाथ को बगल में रखें|
  • अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दायें पैर के नितम्ब की बगल से जमीन पर रखें|
  • उसी तरह से दायें पांव को घुटने से मोड़कर बाएं पैर के ऊपर ले जाएँ और दायीं एड़ी को बाएं नितम्ब के पास रखें|
  • जहाँ तक सम्भव हो दोनों घुटने एक दूसरे के नीचे और ऊपर स्थित हो जाएँ|
  • अब आप बाएं हाथ को (अर्थात जिधर का पैर ऊपर हो) ऊपर उठाते हुए कोहनी से मोड़ें और पीछे की ओर कन्धों से नीचे ले जाएँ|
  • दायें हाथ को उठाते हुए कोहनी से मोड़कर नीचे की तरफ से पीछे पीठ पर ले जाएँ|
  • दोनों हाथ की उंगलियों को पीठ के पीछे एक दूसरे को पकड़ लें|
  • अब सिर को कोहनी से टिकाते हुए यथासम्भव पीछे की ओर धकेलने का प्रयास करें|
  • दृष्टि सामने रखें|
  • पुनः पांव और हाथों की स्थिति बदलते हुए इसी तरह दूसरी तरफ से करें|
  • इसे 3-5 बार तक कर सकते हैं|
Gomukh Aasan
Gomukh Aasan

गोमुख आसन के लाभ

  • गठिया, सायटिका, अपचन, कब्ज, धातुरोग, मधुमेह, कमरदर्द में बहुत लाभदायक है|
  • अस्थमा में लाभ|
  • बाँहों को मजबूती देती है|
  • कूल्हे को स्वस्थ रखता है|
  • रीढ़ के सीधा और मजबूत बनाता है|
  • बवासीर रोकने में लाभदायक है|
  • स्पेंडीलायिटिस, कन्धा जकड़न, गर्दन दर्द में लाभ करता है|
  • लैंगिक परेशानियों को दूर करे|
  • यकृत और गुर्दे को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है|
  • शरीर को सुडोल और लचकदार बनाता है|
  • पैनक्रियाज़ को उत्तेजित करता है, फलतः मधुमेह में लाभदायक है|
  • महिलाओं के चेस्ट और ब्रेस्ट को पुष्ट करता है|

गोमुख आसन करते समय सावधानियां

  • हाथ, पांव में ज्यादा दर्द होने पर न करें|
  • रीढ़ में कोई गम्भीर समस्या हो तो न करें|
  • अगर पीठ के पीछे हाथ बांधने में परेशानी हो तो जबरदस्ती न करें|
  • घुटने दर्द में अभ्यास न करें|
  • बवासीर में खून बह रहा हो तो अभ्यास से परहेज करें|

अनुगृहित (Obliged) –

मेरे पिता श्री शशीन्द्र शाश्वत के द्वारा अर्जित जानकारी से यह पोस्ट लाभान्वित है| मैं कोटि-कोटि धन्यवाद् देता हूँ कि पिताजी ने गोमुख आसन को बहुत ही सरल भाषा में समझाया|