Tadasan (ताड़ासन) दो शब्द ताड़ (वृक्ष) और आसन (योग की मुद्रा) को मिलाकर बना है। यह एक सरल आसन है, इसे करना बेहद आसान है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ताड़ासन बहुत ही लाभकारी होता है।
Tadasan (ताड़ासन) कैसे करें
सबसे पहले स्वच्छ स्थान पर एक मैट बिछाएं|
अब सूर्य की तरफ मुखकर सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
आँख की दृष्टि सीधे सामने किसी वास्तु पर जमाते हुए अपने पैरों के बीच 5 (पांच) इंच का फासला लेते हुए खड़े हो जायें|
अब दोनों भुजाओं को सीधे सिर के ऊपर तानिये और हथेलियों को ऊपर की ओर खींचिए|
फिर एड़ियों को ऊपर उठाते हुए, सांस भरते हुए ऊपर की ओर पूरे शरीर को खींचे|
ऐसा अनुभव करें की आपको ऊपर की ओर खींचा जा रहा है|
शरीर को पूर्ण सामर्थ्य के साथ खींचे रहें|
15 – 20 सेकण्ड्स तक इस स्थिति में रुके रहें|
फिर श्वांस छोड़ते हुए एड़ियाँ नीचे जमीन पर टिकाएं|
हाथों को नीचे लाते हुए सावधान की स्थिति में आ जाएं|
इस आसन को 5 (पांच) बार कर सकते हैं|
तिर्यक ताड़ासन
सर्वप्रथम ताड़ासन की स्थिति में आ जायें|
पूरी श्वांस भरकर, छोड़ते हुए बाएँ तरफ कमर से झुकें, एड़ियाँ जमीन पर टिकाए रखें|
10 (दस) सेकण्ड्स तक रुकें|
श्वांस भरते हुए सीधे ताड़ासन की स्थिति में आ जायें|
फिर श्वांस छोड़ते हुए दाहिनी तरफ कमर से ही झुकें|
10 (दस) सेकण्ड्स रुकें|
फिर पूर्ववत स्थिति में आ जाएं|
5 (पांच) बार दोहराएं|
ताड़ासन एवं तिर्यक ताड़ासन के लाभ
बच्चों की लम्बाई बढाने में सहयोग करता है|
कमर दर्द और शरीर दर्द में लाभप्रद|
आमाशय और मलाशय को विकसित करता है|
आँतों को फैलाता है|
मेरुदण्ड का सही विकास करता है|
नसों के अवरोधों को दूर करता है|
फेफड़े मजबूत होते हैं|
छाती, कन्धा और हाथों के दर्द में लाभ|
विशेष – यह दोनों आसन सबके लिए लाभदायक है| सभी उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं|
अनुगृहित (Obliged) –
मेरे पिता श्री शशीन्द्र शाश्वत के द्वारा अर्जित जानकारी से यह पोस्ट लाभान्वित है| मैं कोटि-कोटि धन्यवाद् देता हूँ कि उन्होंने ताड़ासन करने की विधि का सचित्र वर्णन किया|
मैं माही, मुझे शुरू से ही Shayari, Quote & Poetry (शायरी, विचार एवं कवितायेँ) लिखने का शौक रहा है| मैंने बहुत से लेख लिखे हैं उनमें से कुछ को मैं यहाँ ब्लॉग साईट पर पोस्ट कर रही हूँ|…
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प्रणाम, पिता जी, काफी आसान और लाभप्रद आसन है।सधन्यवाद।