Maharana Pratap (महाराणा प्रताप) का जन्म एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था। He was destined to Udai Singh II and Jaiwanta Bai. His more youthful siblings were Shakti Singh, Vikram Singh and Jagmal Singh. Pratap additionally had 2 stepsisters: Chand Kanwar and Man Kanwar. He was hitched to Ajabde Punwar of Bijolia. He had a place with the Royal Family of Mewar.
जन्म: May 09, 1540, Kumbhalgarh
मृत्यु: January 19, 1597, Chawand
लम्बाई: 2.26 meter (7.41 feet)
After the passing of Udai Singh in 1572, Rani Dheer Bai needed her child Jagmal to succeed him yet senior retainers favored Pratap, as the oldest child, to be their lord. The craving of the nobles won.
हल्दीघाटी की लड़ाई 18 जून 1576 को महाराणा प्रताप और आमेर के मान सिंह (प्रथम) के बीच हुयी थी। The Mughals were successful and dispensed noteworthy losses among the Mewaris yet failed to catch Maharana. The site of the fight was a limited mountain go at Haldighati close Gogunda, present day Rajsamand in Rajasthan. Maharana Pratap handled a power of around 3000 mounted force and 400 Bhil toxophilite. The Mughals were driven by Man Singh of Amber, who directed a military numbering around 5000-10,000 men. After a furious fight enduring over 6hrs, Maharana ended up injured and the day lost. The mughal couldn’t catch him. He figured out how to run away to the slopes and lived to battle one more day to conclude it..
चेतक स्मारक, जिसे चेतक समाधि कहा जाता है, राणा प्रताप के लोकप्रिय घोड़े चेतक, भारत के एक प्रान्त राजस्थान में स्थित है। The pony kicked the bucket of fight wounds in the wake of helping the Rana impact a wonderful getaway from the Battle of Haldighati. The dedication is said to have been worked at the recognize that Chetak passed on at that time.
चेतक स्मारक, एक बहुत ही रमणीय पर्यटन स्थल है जो कि हल्दीघाटी, राजस्थान में स्थित है|
कुम्भलगढ़ (वास्तव में “कुम्भल किला”) पश्चिमी भारत में राजस्थान राज्य के उदयपुर राज्य के करीबी राजसमंद क्षेत्र में अरावली पहाड़ियों के क्षेत्र में एक मेवाड़ गढ़ है। यह राजस्थान के हिल फॉर्ट्स के लिए याद किया जाने वाला एक विश्व विरासत स्थल है। राणा कुंभा द्वारा पंद्रहवीं शताब्दी के दौरान काम किया गया। कुंभलगढ़ की स्थापना उदयपुर से 82 किमी उत्तर पश्चिम में सड़क द्वारा की जाती है। यह चित्तौड़गढ़ किले के बाद मेवाड़ में सबसे महत्वपूर्ण किला है।
मैं माही, मुझे शुरू से ही Shayari, Quote & Poetry (शायरी, विचार एवं कवितायेँ) लिखने का शौक रहा है| मैंने बहुत से लेख लिखे हैं उनमें से कुछ को मैं यहाँ ब्लॉग साईट पर पोस्ट कर रही हूँ|…
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